आज से 10 वर्ष पूर्व, लखनऊ से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र "स्वतंत्र भारत" के 6 नवंबर 2004 के अंकुर स्तम्भ में प्रकाशित, एक तीर से तीन निशाने लगाती भैया दूज पर आधारित मर्मस्पर्शी कहानी"सच्चा प्रेम",जिसने न केवल खोई हुई खुशियां लौटाई ,वरन खोए हुए भइया से मिलवाया और मन में बैठे लड़ाई के राक्षस को भी मार भगाया
भैया दूज के पावन पर्व की आप सभी भाइयों और बहनों को "देश ' की हार्दिक शुभ कामनाएं ! आज से 20 वर्ष पूर्व, इंदौर से प्रकाशित देवपुत्र के नवंबर 1994 के अंक में भाई दूज पर आधारित मेरी कहानी "नयी दीदी "